प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अन्नपूर्णा माता की जिस मूर्ति की बात की, वह कनाडा के म्यूजियम में मिली
अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस अन्नपूर्णा माता की प्रतिमा का जिक्र किया था, वह कनाडा के एक म्यूजियम में मिली थी.
अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मां अन्नपूर्णा की मूर्ति का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था कि यह प्रतिमा जल्द ही कनाडा से काशी आएगी.

प्रधानमंत्री मोदी जिस प्रतिमा की बात कर रहे थे वह 100 साल पहले अवैध तरीके से कनाडा पहुंचाई गई थी. बीते 19 नवंबर को कनाडा के संग्रहालय में भारतीय कलाकार दिव्या मेहरा की नजर मूर्ति पर पड़ी तो उन्होंने इसका मामला उठाया.
Press Release from the High Commission
— India in Canada (@HCI_Ottawa) November 30, 2020
'Annapoorna statue will soon return from Canada' pic.twitter.com/lSwVbKrebO
काशी के राजघाट पर सोमवार को देव दीपावली के अवसर पर आयोजित दीपोत्सव के शुभारंभ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे घटनाक्रम का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि आप सबकी इच्छा मालूम है, 100 साल पहले मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा अवैध तरीके से कनाडा चली गई थी. उन्हें वापस लाने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं. जल्दी ही मां अन्नपूर्णा अपने असली घर आएंगी. प्रतिमा को वापस लाना हमारी जिम्मेदारी है, क्योंकि यह मूर्ति काशी की धरोहर है.''

कनाडा सरकार ने भारत के उच्चायुक्त को 19 नवंबर को मूर्ति सौंप दी थी. मूर्ति कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ रेजिना में मिली है. मूर्ति के एक हाथ में खीर और दूसरे हाथ में अन्न मौजूद है. माना जा रहा है कि इस मूर्ति को अन्नपूर्णा मंदिर से चोरी कर पहुंचाया गया था. मूर्ति अब भारत लाई जा रही है.
Press Release from the High Commission
— India in Canada (@HCI_Ottawa) November 30, 2020
'Annapoorna statue will soon return from Canada' pic.twitter.com/lSwVbKrebO
मैकेंजी आर्ट गैलरी में रेजिना यूनिवर्सिटी के संग्रह से मिली मां अन्नपूर्णा की मूर्ति को अंतरिम राष्ट्रपति और विश्वविद्यालय के उप-कुलपति थॉमस चेस ने कनाडा में भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया को एक वर्चुअल समारोह में 19 नवंबर को आधिकारिक रूप से इस मूर्ति की जानकारी दी. इस समारोह में मैकेंजी आर्ट गैलरी, ग्लोबल अफेयर्स कनाडा और कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी के प्रतिनिधि भी शामिल हुए.

भारतीय कलाकार दिव्या मेहरा ने गैलरी के स्थायी संग्रह में पाया कि इस मूर्ति की वसीयत 1936 में मैकेंजी ने करवाई थी और गैलरी के संग्रह में जोड़ा गया था. दिव्या ने मुद्दा उठाया और कहा कि यह अवैध रूप से कनाडा में लाई गई है.
शोध में पता चला कि मैकेंजी ने 1913 में भारत यात्रा की थी. यह मूर्ति उसी के बाद यहां से कनाडा पहुंची. मां अन्नपूर्णा अपने एक हाथ में खीर और दूसरे में चम्मच लिए हुए हैं.