गहलोत छुपा कर रखेंगे अपने 107 विधायक, प्रियंका और राहुल सचिन पायलट से कर रहे बात
पूरे मामले में सचिन पायलट कहीं नहीं दिखे और ना ही वे अब तक मीडिया के सामने आये हैं.
राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) पर छाया संकट एकबारगी टल गया है! अपने राजनीतिक कौशल के बूते पर अशोक गहलोत एक बार फिर बड़े जादूगर (Magician) साबित हए हैं. इस पूरे घटनाक्रम में डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) का सियासी दांव फेल हो गया है. राजस्थान की कांग्रेस सरकार में अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट की लड़ाई में गहलोत भारी पड़ते दिख रहे हैं.
सोमवार को कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक बुलाई थी और इस बैठक में विधायकों की पर्याप्त संख्या आने की बात कही जा रही है. इससे पहले रविवार को सचिन पायलट के दफ़्तर से एक बयान जारी कर कहा गया था कि 'उनके साथ 30 विधायक हैं और अशोक गहलोत सरकार अल्पमत हो गई है.'
विधायक दल की बैठक में विधायकों की बड़ी तादाद को देखते हुए सवाल उठ रहे हैं कि सचिन पायलट के दावे सच नहीं निकले. विधायकों के साथ अशोक गहलोत ने विक्ट्री साइन भी दिखाया. पूरे मामले में सचिन पायलट कहीं नहीं दिखे और ना ही वे अब तक मीडिया के सामने आये हैं.
सरकार में बने रहने के लिए अशोक गहलोत को 101 विधायकों का समर्थन चाहिए और कांग्रेस दावा कर रही है कि उसके पास 109 विधायक हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि 'विधायक दल की बैठक में कुल 107 विधायक आये.'
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सौ से अधिक विधायकों की परेड करवा कर शक्ति प्रदर्शन किया. इस बीच अब सचिन पायलट को मनाने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि कुनबा पूरी तरह से ना टूटे.
सोमवार को सचिन पायलट से पांच बड़े नेताओं ने बात की है, इनमें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल, अहमद पटेल और पी. चिदंबरम शामिल हैं. सभी ने अब सचिन पायलट को जयपुर जाने को कहा है, ताकि स्थानीय लेवल पर आगे की बातचीत हो सके.
इस बीच खबर है कि राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सचिन पायलट के पोस्टर दोबारा लगा दिए गए हैं. सुबह में इन पोस्टरों को हटा लिया गया था.
फिलहाल कांग्रेस विधायक दल की बैठक ख़त्म हो चुकी है. लेकिन संकट अभी तक टला नहीं है. ऐसे में विधायकों को रिसॉर्ट या होटल से जाया जा सकता है.
बता दें, लेकिन विद्रोह का तात्कालिक कारण रहा राजस्थान पुलिस की जांच का एक नोटिस जिसमें सचिन पायलट को पूछताछ के लिए समन भेजा गया था. पुलिस जाँच कर रही है कि राज्यसभा चुनाव के दौरान प्रदेश की सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की गई. शुक्रवार को इस मामले में बीजेपी के दो नेताओं को गिरफ़्तार किया गया था.
सचिन पायलट इससे बहुत ख़फ़ा हुए और मामला सरकार के बने रहने या गिर जाने तक आया.