तालिबान ने 3 भारतीय इंजीनियरों को रिहा किया, लौटेंगे स्वदेश
ये रिहाई अफगानिस्तान में अमेरिका के विशेष दूत ज़ल्मय खलीलज़ाद और तालिबान के प्रतिनीधि मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के बीच हुई बैठक के बाद हुई है. बरादार 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पाकिस्तान सरकार के निमंत्रण पर बुधवार से इस्लामाबाद में थे. अमेरिका-तालिबान शांति समझौता के तहत ही इस्लामाबाद में ये बैठक हुई.
तालिबान ने दावा किया है कि उसने तीन भारतीय इंजीनियर को रिहा कर दिया है. तालिबान के कुछ बड़े नेताओं समेत उनके 11 सदस्यों की रिहाई के बदले में भारतीय नागरिकों को तालीबान ने छोड़ा है.
तालिबान ने यह कहने से इनकार कर दिया कि किन लोगों के बदले इन कैदियों की रिहाई की गई. हालांकि एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक़ 11 तालिबानियों को अफ़ग़ान जेल से रिहा कर दिया गया. ये रिहाई रविवार को ही हुई. माना जा रहा है कि इसी के साथ-साथ तालिबानियों की क़ैद में रह रहे भारतीय इंजीनियरों की अदला-बदला की गई. ये अदला-बदली किस जगह पर हुई, इसका आधिकारिक खुलासा नहीं हुआ है. अफगानिस्तान के उत्तरी बागलान प्रांत में पावर प्लांट के लिए काम करने वाले सात भारतीय इंजीनियरों का मई 2018 में तालिबानियों ने अपहरण कर लिया गया था.
बंधक बनाए गए भारतीय नागरिकों में से एक को इस साल मार्च महीने में रिहा किया गया था. लेकिन अन्य लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. क्योंकि बंधकों की पहचान का खुलासा तालिबान द्वारा नहीं किया गया था.
अधिकारियों ने कहा कि रिहा किए गए तालिबान नेताओं में शेख अब्दुर रहीम और मावलवी अब्दुर रशीद शामिल हैं. ये दोनों नेता 2001 में अमेरिका द्वारा क़ैद किए जाने से पहले तालिबान प्रशासन के दौरान क्रमश कुनार और निम्रोज़ प्रांतों के राज्यपालों के रूप में काम किया करते थे.
ज़लमय खलीलज़ाद
रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान के अधिकारियों ने रिहाई के बाद मुक्त किए गए नेताओं का स्वागत करते हुए एक फोटो और वीडियो फुटेज जारी किया है.
ये रिहाई अफगानिस्तान में अमेरिका के विशेष दूत ज़ल्मय खलीलज़ाद और तालिबान के प्रतिनीधि मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के बीच हुई बैठक के बाद हुई है. बरादार 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पाकिस्तान सरकार के निमंत्रण पर बुधवार से इस्लामाबाद में थे. अमेरिका-तालिबान शांति समझौता के तहत ही इस्लामाबाद में ये बैठक हुई.
तालिबान प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से भी मुलाकात की और उनकी बैठक में दक्षिण एशियाई क्षेत्र में शांति पर विचार विमर्श किया गया. पिछले साल सितंबर में उनकी नियुक्ति के बाद से अफ़ग़ानिस्तान में ज़लमय खलीलज़ाद ने अमेरिका के साथ चल रहे सबसे लंबे युद्ध को समाप्त करने के प्रयास में सभी पक्षों से मुलाकात की है. 17 साल से अमेरिका के साथ चल रहे इस लड़ाई में 2,400 से अधिक अमरीकी सैनिकों की मौत हुई है, जबकि इस दौरान हज़ारों अफ़ग़ानियों की भी मौत हुई.
अमेरिका और तालिबान ने शांति योजना के मसौदे पर सहमति व्यक्त की थी. लेकिन, पिछले महीने तालिबान द्वारा काबुल में किए गए एक आत्मघाती हमले में एक अमरीकी सैनिक की मौत हुई थी, जिसके बाद अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस समझौते को ख़ारिज कर दिया था.