इस्तीफा देने वाले सिंधिया गुट के विधायकों में फूट, 22 में से 10 ने BJP में शामिल होने से किया इनकार
मध्य प्रदेश कांग्रेस के जिन 22 विधायकों ने सिंधिया के समर्थन में इस्तीफा दिया था, उनमें अब फूट पड़ गई है. 22 में से 10 विधायकों ने बीजेपी में शामिल होने से इनकार कर दिया है.
मध्य प्रदेश में राजनीतिक संकट काफी गहरा गया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा है कि पार्टी ने उन्हें दरकिनार कर दिया था. इसलिए अब आगे बढ़ने का समय आ गया है. इस पर कांग्रेस ने उन्हें 18 साल तक साथ रहने पर क्या-क्या दिया. इसकी याद दिलाई है.
उधर, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि उनकी सरकार को कोई संकट नहीं है. उनके पास जरूरी आंकड़ें हैं. वो सदन के पटल पर बहुमत साबित कर देंगे. NDTV की खबर के मुताबिक, बेंगलुरु से यह खबर आ रही है कि जिन 22 विधायकों ने सिंधिया के समर्थन में इस्तीफा दिया था. अब उनके बीच फूट पड़ती देखी जा रही है. 22 में से 10 विधायकों ने बीजेपी के साथ जाने से इनकार कर दिया है. अगर सिंधिया के समर्थक विधायकों में फूट पड़ने की खबर सच हो जाती है तो कमलनाथ की राह काफी आसान हो जाएगी.
वहीं, कर्नाटक कांग्रेस के काफी सक्रिय और तजतर्रार नेता डीके शिवकुमार ने कहा है कि सारे विधायक कांग्रेस में वापस आ जाएंगे. इसके अलावा कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने कहा है कि मध्य प्रदेश सरकार को कोई खतरा नहीं है. कमलनाथ आसानी से बहुमत साबित करके दिखाएंगे.
बता दें, मंगलवार को पीएम मोदी और अमित शाह से मुलाकात करने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जब इस्तीफा भेजा उसके तुरंत बाद ही उनके समर्थक विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया. इसके बाद यह कयास लगाए जाने लगे कि सिंधिया मंगलवार को ही बीजेपी में शामिल हो जाएंगे. सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने की खबर से ही उनके समर्थक विधायकों में फूट पड़ने लगी. उसमें कुछ ने कहा कि उन्हें भ्रम में रखा गया. उनसे कहा गया कि वो राज्यसभा के लिए दबाव बनाएं ताकि सिंधिया को राज्यसभा मिल जाए. लेकिन हमसे गफलत में हस्ताक्षर करवाए गए.
अगर कांग्रेस के 22 इस्तीफा देने वाले विधायकों में दस कांग्रेस खेमे में वापस आ जाते हैं, तो कमलनाथ की सरकार बच जाएगी. लेकिन उसके बाद सिंधिया को लेकर बीजेपी में खलबली मच जाएगी. वैसे भी इसके पहले सिंधिया कांग्रेस में रहते हुए बीजेपी के बहुत डेंट किए हैं. यह अलग बात है कि एक जमीन से जुड़ा हुआ व्यक्ति उन्हें बीजेपी के टिकट पर चुनाव हरा दिया.
बेंगलुरु से आ रही खबर पर बीजेपी ने पूरी तरह से नजर गड़ा दी है. पहले सिंधिया को 12.30 बजे बीजेपी में शामिल किया जाना था, लेकिन अब समय टाल दिया गया है.
उधर, मध्य प्रदेश कांग्रेस ने विधानसभा स्पीकर कहा है कि जो मंत्री सोमवार से गायब है और पहुंच से बाहर हो गए उन्हें अयोग्य करार दें. 22 विधायकों को अयोग्य ठहराने के बारे में अभी तक निर्णय नहीं लिया गया है.