ब्लैक होल ने एक तारे के कर दिए टुकड़े-टुकड़े, फिर हुआ ऐसा अजूबा
दुनिया ने पहली बार इस तरह का अजूबा कारनामा देखा है. नासा की ऑब्जर्वेटरी ने पूरी परिघटना को विस्तार से दर्ज किया है.
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने ग्रह तलाशने वाली ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनट सर्वे सैटेलाइट (टेस) के ज़रिए एक बड़ी क़ामयाबी हासिल की है. ये पहली मर्तबा है जब दुनिया के सामने ब्लैक होल का एक ऐसा कारनामा सामने आया है जो स्तब्धकारी है. नासा के मुताबिक़ एक तारा जब ब्लैक होल के क़रीब से गुज़रा तो भारी गुरुत्वाकर्षण के चलते वो तारा पुर्जा-पुर्जा बिखर गया और उसके बाद गैस की शक्ल में वो तारा ब्लैक होल के चारों तरफ़ एक डिस्क की शक्ल में पसर गया. तारे का जो हिस्सा डिस्क से दूर गया वो अंतरिक्ष में फैल गया.
नासा के मुताबिक़ विशाल ब्लैकहोल ने तारे को खंड-खंड कर दिया. दिलचस्प ये है कि इस ब्लैक होल का मास सूरज से 60 लाख गुना ज़्यादा था. ये हमारी गैलेक्सी मिल्की वे से दूर किसी दूसरी गैलेक्सी का कारनामा है. इस गैलेक्सी को अंतरिक्ष विशेषज्ञों ने 2MASX J07001137-6602251 गैलेक्सी का नाम दिया है. ये हमसे साढ़े 37 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है. जिस तारे को ब्लैक होल ने बिखेर दिया उसका आकार सूरज के बराबर था.
नासा की नील गेहरेल्स स्विफ़्ट ऑब्जर्वेटरी के ज़रिए पूरी घटना की बारीक और विस्तृत तस्वीरें सामने आई हैं. कैलिफोर्निया की इस ऑब्जर्वेटरी से जुड़े थॉमस होलोइन के मुताबिक़, “टेस डेटा के ज़रिए हमने इस विध्वंसकारी परिघटना को असली अंदाज़ में देखा. ASASSN-19bt नामक इस घटना में जिस तरह की तेज़ चमक उभरी वैसा पहले कभी नहीं देखा गया.” देखें पूरा वीडियो.
नासा ने टाइडल डिसरप्शन को पहले ही भांप लिया था. पृथ्वी पर मौजूद ऑल-स्काई ऑटोमेटेड सर्वे फॉर सुपरनोवा (ASAS-SN) के ज़रिए नासा को लग गया था कि तारे में हलचल हो रही है. इसके बाद तारे का मल्टी वेबलेंथ नापने की तैयारी शुरू हुई और अगले कुछ दिनों तक ऐसा ही चलता रहा. नासा को उम्मीद है कि इससे भौतिकी की दुनिया को एक नया आयाम मिलेगा.
टेस के ज़रिए क़रीब दो लाख चमकीले तारों पर निगरानी की जा रही है. अप्रैल 2018 में इस सैटेलाइट को लॉन्च किया गया था. केपलर मिशन पूरा होना के बाद नासा की ये सबसे महत्वाकांक्षी योजना है. टेस का दायरा केपलर से 400 गुना ज़्यादा है.
आपको बता दें कि अगर कोई तारा किसी ब्लैक होल के बेहद क़रीब से गुजरता है तो ब्लैक होल के गुरुत्वाकर्षण शक्ति से उसका बचना बेहद मुश्किल हो जाता है. ब्लैक होल उस तारे को तेज़ी से अपनी तरफ़ खींचता है. इसके चलते तारे का आकार बिगड़ना शुरू हो जाता है. टेस ने जिस तारे का अध्ययन किया उसके साथ भी ऐसा ही हुआ. गोलाकार तारा धीरे-धीरे लंबवत होने लगा और उसकी पूंछ लगातार बढ़ती चली गई. धीरे-धीरे तारे का कुछ हिस्सा ब्लैक होल से जा टकराया और बाक़ी का हिस्सा ब्लैक होल के चारों तरफ़ गैस की शक्ल में पसरकर चक्कर काटने लगा. तारे का ब्लैक होल की तरफ़ खिंचने की परिघटना को टाइडल डिसरप्शन कहते हैं. माना जाता है कि ऐसी परिघटना 10 हज़ार से एक लाख साल के बीच कभी एक बार होता है.