1996 वर्ल्ड कप में जब कीनिया ने वेस्ट इंडीज को हराया था तब टीम की हार से बौखलाये ब्रायन लारा से जब कीनिया के एक क्रिकेटर ने ऑटोग्राफ मांगा तो उन्होंने साफ मना कर दिया था
मौजूदा विश्वकप में अब तक कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ है, लेकिन इससे पहले कई बार कमज़ोर माने जाने वाली टीमों ने दिग्गजों को ऐसी पटखनी दी, जिसकी टीस उन्हें आज तक महसूस होती है. हालांकि दक्षिण अफ्रीका पर बांग्लादेश की जीत को कई लोग उलटफेर कह रहे हैं, लेकिन बांग्लादेश ने जिस अंदाज़ में बीते कुछ सालों से क्रिकेट खेली है, उसे देखकर अफ्रीका पर हासिल जीत को उलटफेर कहना बांग्लादेश की मेहनत के बेकद्री करना होगा. ऐसे कई मुक़ाबले हुए हैं जब दिग्गज टीमों हार का मुंह देखना पड़ा.
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भारत बनाम वेस्ट इंडीज (वर्ल्ड कप 1983)
भारत ने 1983 में वेस्टइंडीज को हराकर वर्ल्ड कप ख़िताब अपने नाम किया था. इस वर्ल्ड कप में भारत को कभी भी कप का दावेदार नहीं माना जा रहा था, लेकिन टीम ने अपने प्रदर्शन से सबको हैरान कर दिया था.
उस वक़्त वेस्ट इंडीज की टीम में एंडी रॉबर्ट, मैल्कम मार्शल और माइकल होल्डिंग जैसे शानदार गेंदबाज़ मौजूद थे, जो किसी भी टीम के बल्लेबाजों को चकमा दे सकते थे. वर्ल्ड कप के फाइनल मुक़ाबले में भी वेस्ट इंडीज़ के इन तीनों गेंदबाजों ने भारत को 183 के स्कोर पर ढेर कर दिया था.
इसके बाद किसी को उम्मीद नहीं थी कि भारत ये मुक़ाबला जीत पाएगा. लेकिन मदनलाल और मोहिंदर अमरनाथ ने तीन-तीन विकेट चटकाकर वेस्ट इंडीज़ के बल्लेबाज़ों को पवेलियन का रास्ता दिखा दिया. बलविंदर संधू ने दो खिलाड़ियों को आउट किया, जबकि कपिल देव और रोज बिन्नी ने एक-एक विकेट लिए थे. भारत की गेंदबाजी की बदौलत वेस्ट इंडीज 140 रन पर सिमट गई और भारत ने ये मुक़ाबला 43 रनों से जीतकर विश्वकप पर कब्ज़ा कर लिया था.
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ऑस्ट्रेलिया बनाम ज़िम्बाब्वे (वर्ल्ड कप 1983)
1983 वर्ल्ड कप में कई रोमांचक मुक़ाबले हुए थे. ऐसा ही एक मुक़ाबला था ऑस्ट्रेलिया बनाम ज़िम्बाब्वे का. ज़िम्बाब्वे के कप्तान और ऑलराउंडर डंकन फ्लेचर ने अपने खेल से उस समय की मजबूत टीम ऑस्ट्रेलिया के छक्के छुड़ा दिए थे. जिम्बाब्वे ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 239 रन बनाए थे. जवाब ऑस्ट्रेलिया की टीम 60 ओवर में सात विकेट गंवाकर 226 रन ही बना सकी. इस मुक़ाबले में डंकन फ्लेचर ने 69 रनों की पारी खेली और गेंदबाज़ी के दौरान 42 रन देकर चार विकेट चटकाए.
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कीनिया बनाम वेस्ट इंडीज़ (वर्ल्ड कप 1996)
कीनिया ने 1996 वर्ल्ड कप में दो बार की चैंपियन वेस्ट इंडीज़ को हराकर बड़ा उलटफेर किया था. कीनिया की ये जीत सबकों चौंकाने वाला था. मैच में पहले बल्लेबाज़ी करते हुए कीनिया की टीम 166 रनों पर ढेर हो गई थी. जवाब में वेस्ट इंडीज़ की टीम 35.2 ओवर में महज 93 रन पर ही सिमट गई और कीनिया ये मुक़ाबला 75 रन से जीत गई.
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कीनिया की ओर से राजब अली और मैरिस ओडुम्बे ने तीन-तीन विकेट लिया था. इस मैच में सबसे चौंकाने वाली बात ये थी कि वेस्ट इंडीज़ की ओर से ब्रायन लारा, वॉल्स, चंद्रपॉल कैंपबेल और सर रिची रिचर्डसन जैसे दिग्गज खिलाड़ी खेल रहे थे, इसके बावजूद टीम को हार का सामना करना पड़ा था.
भारत बनाम बांग्लादेश (वर्ल्ड कप 2007)
बांग्लादेश ने 2007 वर्ल्ड कप के लीग मैच में एक बड़ा उलटफेर कर सबको हैरान किया था. भारत के ख़िलाफ़ लीग मैच में बांग्लादेश ने भारत को सिर्फ 191 रन पर ढेर कर दिया था. बांग्लादेश ने 48.3 ओवर में 5 विकेट गंवाकर आसान जीत हासिल कर ली. इस हार के साथ ही भारत वर्ल्ड कप से बाहर हो गया था.
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आयरलैंड बनाम इंग्लैंड (वर्ल्ड कप 2011)
वनडे क्रिकेट के इतिहास में कई जीत ऐसी भी होती है जिन पर यक़ीन करना मुश्किल होता है. ऐसी ही एक जीत आयरलैंड के नाम भी दर्ज़ है. आयरलैंड ने ये ऐतिहासिक जीत 2011 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ दर्ज की थी.
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आयरलैंड को एक कमज़ोर टीम के तौर पर देखा जाता है लेकिन उसने हारे हुए मैच को जीत में बदला था. इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 8 विकेट खोकर 327 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया था. किसी को यक़ीन नहीं था कि आयरलैंड ये मैच जीत पाएगी. लेकिन केविन ओ ब्रायन ने तूफ़ानी बल्लेबाजी करते हुए जीत को अपनी टीम की झोली में डाल दिया था.
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केविन ओ ब्रायन ने 63 गेंदों में 13 चौकों और 6 छक्कों की मदद से 113 रन की शानदार पारी खेली थी. उन्होंने एलेक्स कुसैक के साथ 162 रनों की साझेदारी की. ओ ब्रायन के नाम वर्ल्ड कप में सबसे तेज शतक बनाने का रिकॉर्ड है. उन्होंने सिर्फ 50 गेंदों में शतक पूरा कर लिया था. आयरलैंड ने इस रोमांचक मुक़ाबले में 49.1 ओवर में 329 रन बनाकर जीत दर्ज की थी.
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