बेरोजगारी पर घिरती जा रही है मोदी सरकार, पिछले 5 साल में देश में 3.64 करोड़ लोग हुए बेरोजगार
कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार पर बेरोजगारी, आर्थिक सुस्ती, नागरिकता संशोधन कानून, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और एनआरसी को लेकर घेर रही है.
पिछले पांच साल में देश में बेरोजगारी बेतहासा तरीके से बढ़ी है. देश के सात प्रमुख सेक्टरों में 3.64 करोड़ लोग बेरोजगार हुए हैं. इसको लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने नरेंद्र मोदी सरकार पर जोरदार हमला किया है. उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े नामों और विज्ञापनों का नतीजा यह है कि देश में बरोजगारी में बेतहासा बढ़ोतरी हुई है और तीन करोड़ 64 लाख लोग बेरोजगार हो गए हैं.
प्रियंका ने ट्वीट कर कहा कि नौकरियां देने के तमाम बड़े वादों की हकीकत यही है. देश के सात बड़े क्षेत्रों में करीब साढ़े तीन करोड़ लोग बेरोजगार हो गए हैं. बड़े-बड़े नामों और विज्ञापनों का नतीजा है 3 करोड़ 64 लाख बेरोजगार लोग. तभी तो सरकार नौकरी पर बात करने से कतराती है.'
नौकरियां देने के तमाम बड़े वादों की हकीकत यही है। देश के सात बड़े क्षेत्रों में करीब साढ़े तीन करोड़ लोग बेरोजगार हो गए हैं।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) January 27, 2020
बड़े-बड़े नामों और विज्ञापनों का नतीजा है 3 करोड़ 64 लाख बेरोजगार लोग। तभी तो सरकार नौकरी पर बात करने से कतराती है। pic.twitter.com/fedOlu9Ljs
प्रियंका के अलावा कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने भी केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि देश में बेरोजगारी की दर बढ़ रही है. उन्होंने प्रधानमंत्री को सलाह देते हुए कहा कि उन्हें राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण की जगह शिक्षित बेरोजगार भारतीय नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर बनाना चाहिए.
कांग्रेस नेता ने जहां शिक्षित बेरोजगार भारतीय नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर को 'एकीकृत एजेंडा' करार दिया, वहीं एनआरसी को उन्होंने 'विभाजनकारी एजेंडा' करार दिया.
उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, 'मेरे पास हमारे प्रधानमंत्री के लिए एक बहुत ही सकारात्मक सुझाव है. एनआरसी के बजाय जिसने पूरे देश में सामाजिक अशांति पैदा की है, उन्हें 'शिक्षित बेरोजगार नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर' तैयार करना चाहिए. लेकिन वह ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि यह 'विभाजनकारी एजेंडा' नहीं है बल्कि 'एकीकृत एजेंडा' है.'
I have a very positive suggestion for our PM. Instead of NRC which has led to Social Unrest throughout the Country he should prepare a “National Register of Educated Unemployed Indian Citizens”. But he won’t as it won’t be a Divisive Agenda! It would be a Unifying Agenda!!
— digvijaya singh (@digvijaya_28) January 27, 2020
बता दें, कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार पर बेरोजगारी, आर्थिक सुस्ती, नागरिकता संशोधन कानून, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और एनआरसी को लेकर घेर रही है. एनआरसी एक नागरिक रजिस्टर है, जिसमें भारत के प्रत्येक नागरिक के नाम दर्ज हैं. नागरिकता अधिनियम, 1955 के अनुसार, एनआरसी का निर्माण अनिवार्य है.