हालांकि जिन लोगों ने पहले से डाउनलोड कर रहा है वो इस एप का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके इस्तेमाल पर कोर्ट या सरकार ने अब तक रोक नहीं लगाई है.
केंद्र सरकार के आदेश के बाद गूगल और एप्पल दोनों ने टिकटॉक को एप स्टोर से हटा दिया है. अब यूजर्स टिकटॉक को डाउनलोड नहीं कर पाएंगे.
हालांकि जिन लोगों ने पहले से डाउनलोड कर रहा है वो इस एप का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके इस्तेमाल पर कोर्ट या सरकार ने अब तक रोक नहीं लगाई है.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा मद्रास हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे नहीं लगाने के बाद सरकार ने टिकटॉक को डाउनलोड करने पर पाबंदी लगा दी थी. जिसके बाद गूगल और एप्पल को इसे अपने ऐप स्टोर से हटाने का निर्देश दिया गया था.
यह कदम इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने उठाया था. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मद्रास हाईकोर्ट के टिकटॉक को बैन करने के आदेश पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया था. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ 22 अप्रैल को मामले की सुनवाई करेगी.
मद्रास हाईकोर्ट ने सरकार को टिकटॉक के डाउनलोड पर रोक लगाने का निर्देश दिया था. अब कंपनियां केंद्र सरकार के आदेश को चुनौती दे सकती हैं.
मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने 3 अप्रैल को बैन का आदेश दिया था. कोर्ट ने मीडिया कंपनियों को एप्लिकेशन का उपयोग करके बनाए गए वीडियो को टेलीकास्ट करने से भी प्रतिबंधित किया था.
टिकटॉक ऐप की मालिक चीनी वेबसाइट बाइटडांस ने इसके ख़िलाफ़ अपील की थी. बाइटडांस की तरफ़ से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में कहा कि इस फ़ैसले से कंपनी को भारी नुक़सान हो रहा है.
पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका में बाइटडांस ने कहा था कि टिकटॉक को किसी थर्ड पार्टी की कार्रवाई के लिए ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. यह ऐप किसी भी अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की तरह ही है. याचिका में ये दलील दी गई थी इस फ़ैसले से टिकटॉक के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है.
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