रेल मंत्रालय ने अपने जोनल अधिकारियों से ऐसे कर्मचारियों की सूची बनाने को कहा है जो 55 साल की आयु पूरी कर चुके हैं या उनके नौकरी करते हुए 30 साल हो चुके हैं और उनका कामकाज संतोषजनक नहीं है. इन कर्मचारियों को जबरन रिटायर किया जाएगा.
रेलवे ने ऐसे कर्मचारियों को जबरिया रिटायर करेगा जो मार्च 2020 तक 55 साल की आयु पूरे कर चुके हों या उनको नौकरी करते हुए 30 साल हो चुके हैं और उनका कामकाज संतोषजनक नहीं है. रेल मंत्रालय ने सभी जोनल अधिकारियों को ऐसे कर्मचारियों की सूची बनाने का आदेश दिया है.
मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इस कैटेगरी में अयोग्य पाए जाने वालों को पूरी तरह से सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा.
कामकाज का ब्योरा
जोनल अधिकारियों को दिए गए प्रोफार्मा पर कर्मचारियों के कामकाज का ब्योरा मांगा गया है. सूत्रों के मुताबिक जनवरी से मार्च 2020 के बीच जिन कर्मचारियों की आयु 55 साल हो रही है या नौकरी करते हुए 30 साल हो गए हों, इनमें से जो भी शर्तें वो पहले पूरा कर रहे हों, उन्हें पेंशन दी जाएगी.
27 जुलाई को जारी हुए इस आदेश में कहा गया है कि जोनल अधिकारियों का ब्योरा जमा करने के लिए 9 अगस्त तक का समय दिया गया है.
कामकाज पर गंभीर
रेल मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि यह आदेश समय-समय पर होने वाली समीक्षा का हिस्सा है, जो हम कर रहे हैं. इसमें संतोषजनक काम न करने वाले कर्मचारी या जिनके साथ अनुशासनात्मक विवाद है, उन्हें समय से पहले सेवानिवृत्ति की पेशकश की जाएगी. सूत्रों ने कहा कि इसको लेकर यह सरकार बहुत ही गंभीर है.
लोकसभा को अभी हाल में ही बताया गया था कि 2014-2019 के दौरान सभी विभागों में ग्रुप ए और ग्रुप बी के एक लाख 19 हजार अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा की गई.
सूत्र ने बताया कि इस समय रेलवे में 13 लाख कर्मचारी काम कर रहे है और मंत्रालय चाहता है कि 2020 तक यह संख्या 10 लाख रह जाए.
रेलवे ने जोनल अधिकारियों ने कर्मचारियों की मानसिक और शारीरिक स्थिति और समय की पाबंदी का भी आकलन करने को कहा है.
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