ब्रिटेन अपना कचरा मलेशिया में फेंक रहा था, पकड़े जाने पर कहा वापस कर दो
प्लास्टिक कचरा पूरी दुनिया के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. मलेशिया में ब्रिटेन ने ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से प्लास्टिक कचरों से लदे हुए 42 कंटेनर भेज दिए.
प्लास्टिक कचरा पूरी दुनिया के लिए ख़तरे की घंटी बना हुआ है. प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करने के बदले सारे मुल्क इसका गुपचुप तरीक़े से निपटारा करना चाहते हैं. ब्रिटेन ने प्लास्टिक कचरों से लदे 42 कंटेनर को मलेशिया भेज दिया. अधिकारियों ने पाया कि ये अनाधिकृत और ग़ैर-क़ानूनी है. इसके बाद दोनों मुल्कों के आला अधिकारियों के बीच इस पर बातचीत हुई.
मलेशिया के पर्यावरण मंत्रालय और ब्रिटिश उच्चायोग ने इसके बाद साझा बयान जारी कर कहा, “कंटेनर ग़ैर-क़ानूनी प्रतीत होता है क्योंकि आयात के लिए ज़रूरी काग़ज़ात पेश नहीं किए जा सके.” बयान के बाद ब्रिटेन ने सभी 42 कंटेनर को वापस लेने पर रज़ामंदी जता दी. अब मलेशिया से इन कंटेनर्स को समुद्री रास्तों के ज़रिए वापस ब्रिटेन ले जाया जाएगा.
आपको बता दें कि पिछले साल पूरी दुनिया में मलेशिया प्लास्टिक कचरे का सबसे बड़ा गंतव्य बन गया. चीन ने जबसे सालाना 70 लाख टन से ज़्यादा स्क्रैप ना ख़रीदने की नीति बनाई, उसके बाद से दुनिया के मुल्कों का ध्यान मलेशिया पर टिक गया है. अब ज़्यादातर देश मलेशिया को ही ये कचरा बेचते हैं.
आकलन के मुताबिक़ हर साल सैकड़ों कंटेनर ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से मलेशिया पहुंच रहे हैं. ब्रिटेन से आए 42 कंटेनर्स पेनांग बंदरगाह पर मार्च 2018 से लेकर मार्च 2019 के बीच उतारे गए और तबसे इन कंटेनर्स पर विवाद चल रहा था. ब्रिटेन जब ज़रूरी काग़ज़ात पेश करने में नाकाम रहा तब जाकर इन्हें वापस लेने पर रज़ामंदी जताई है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की पिछले महीने की रिपोर्ट के मुताबिक़ पेनांग में प्लास्टिक कचरों के 300 कंटेनर्स पकड़े गए थे. इसके बाद दुनिया के अलग-अलग मुल्कों ने इनमें से 200 कंटेनर्स को वापस लेने पर सहमति जताई थी. मलेशिया ने इस साल की शुरुआत में एक नियम बनाकर ये तय किया था कि जो भी देश इन कंटेनर्स के दस्तावेज़ पेश करने में नाकाम रहेगा, उससे यातायात शुल्क की वसूली करने के साथ-साथ इन कंटेनर्स को वापस उन्हीं देशों में भेज दिया जाएगा.
मलेशिया में पिछले कुछ महीनों में कई ऐसी रिसाइक्लिंग कारखाने बने हैं जिनके पास कोई लाइसेंस नहीं है. चीन द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद मलेशिया में इस कारोबार का बोलबाला बढ़ गया है. स्थानीय निवासियों द्वारा पर्यावरण को होने वाले नुक़सान का मुद्दा ज़ोर-शोर से उठाने के बाद अब सरकार की नींद खुली है. पर्यावरण मंत्री ने दावा किया है कि यहां आने वाले ज़्यादातर प्लास्टिक ख़राब गुणवत्ता के होते हैं जिन्हें रिसाइकल किया ही नहीं जा सकता.
(रॉयटर्स के इनपुट के साथ)