गोरखपुर के किसान आफ़त भगाने के लिए बजा रहे हैं थाली और ढोल
टिड्डियों के दल ने गोरखपुर जिले के कैंपियरगंज तहसील के किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया है. यहां के 12 गांवों में टिड्डियों ने गन्ना, धान, मक्का, बाजरा, केला और सब्जियों की फसल को नुकसान पहुंचाया.
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और बस्ती मंडल में शुक्रवार को दाखिल हुआ टिड्डियों का झुंड रविवार दोपहर तक कई इलाकों में मंडराता रहा. टिड्डियों के हमले से सर्वाधिक नुकसान गोरखपुर जिले के कैंपियरगंज तहसील के किसानों को उठाना पड़ा है. यहां के 12 गांवों में टिड्डियों ने गन्ना, धान, मक्का, बाजरा, केला और सब्जियों की फसल को नुकसान पहुंचाया है.

रविवार को महराजगंज की ओर से टिड्डियों का दल गोरखपुर पहुंचा. इन इलाकों में किसानों और कृषि विभाग के अधिकारियों के सहयोग से टिड्डियों को खदड़ा जा रहा है. महराजगंज की ओर से आई टिड्डियों ने कैम्पियरगंज तहसील के बलुआ, बंदोह, रिगौली, बरईपार, छितही, सनगद, ताल बंजरहा, अहिरौली, कहरौली, खजूरगांवा, बंदोह, घघवा और पड़ी आदि गांवों में फसलों को नुकसान पहुंचाया.
सिद्धार्थनगर जिले में पहुंची टिड्डियों को भगाने के लिए वहां रसायन का छिड़काव उन पेड़ों पर किया गया, जहां टिड्डियों ने डेरा जमा रखा था.
कृषि उपज के बचाव हेतु उ.प्र. सरकार द्वारा निरंतर टिड्डियों पर नियंत्रण हेतु निरंतर कीटनाशकों का छिड़काव किया जा रहा है। इसी क्रम में जनपद सिद्धार्थनगर में टीम टिड्डी नियंत्रण की कार्ययोजना का क्रियान्वयन किया गया।@dmsid1 pic.twitter.com/LMCWsdMSqE
— Government of UP (@UPGovt) June 29, 2020
थाली और ढोल बजाकर भगाने की कोशिश
कृषि विभाग और आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों के आह्वान पर किसान खेतों में थाली, ढोल और ट्रैक्टर के साइलेंसर खोल कर उतर गए. अफरा-तफरी के बीच किसान प्रशासनिक अधिकारियों पर रसायन के छिड़काव का भी दबाव बनाते रहे. हालांकि कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि दवा का छिड़काव बहुत कारगर नहीं होगा, शोर करके ही टिड्डियों को भगाना होगा.
वहीं खजनी तहसील में में रात 10 बजे से कृषि औऱ प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से चलाए गए अभियान में हजारों टिड्डियां मारी गईं. तहसील परिसर के पेड़ों पर रुकी टिड्डियों पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियों की मदद से मिस्ट का छिड़काव किया गया. रविवार की सुबह बड़ी संख्या में टिड्डिया मरी पड़ी मिलीं.
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी औऱ एडीएम (वित्त-राजस्व) राजेश कुमार सिंह से बताया कि टिड्डियों के कुछ और दल जिले में आ सकते हैं. इसलिए किसानों को सतर्क रहना चाहिए.
उप निदेशक कृषि, जिला कृषि अधिकारी, जिला कृषि रक्षा अधिकारी कर्मचारियों के साथ संबंधित गांवों में डेरा डाले हुए है. इसके अलावा एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार समेत राजस्व कर्मियों को भी निगरानी में लगाया गया है.
कैम्पियरगंज में भारतीय किसान यूनियन के मंडल अध्यक्ष सतीश ओझा ने बताया कि संतकबीरनगर से सहजनवां, जंगल कौड़िया होते हुए टिड्डियों का झुंड ने शानिवार की शाम करीब सवा 5 बजे कैंपियरगंज क्षेत्र में हमला बोला. कई एकड़ धान की फसल को खराब कर दिया.ओझा ने बताया कि उनकी धान की दो एकड़ फसल टिड्डी चट कर गए.

सनौरा बुजुर्ग किसान जोगेंद्र सिंह ने स्थानीय मीडिया को बताया कि उनके और आसपास के कुछ गांवों में टिड्डियों ने किसानों की 50 एकड़ धान की खेती नष्ट कर दी. गनीमत यह रही कि धान के साथ ही अगल-बगल के कुछ खेतों में ढैंचा की भी फसल है. टिड्डियों का दल काफी समय तक उसी को खाने में लगा रहा जिससे धान की काफी फसल नष्ट होने से बच गईं.
कृषि विभाग की तैयारी
कृषि विभाग के अधिकारियों का मानना है कि शुक्रवार को संतकबीरनगर से होकर गोरखपुर जिले में प्रवेश करने वाले टिड्डी दल का खतरा अभी टला नहीं है. जिला कृषि अधिकारी अरविंद चौधरी एवं जिला कृषि रक्षा अधिकारी संजय यादव ने शनिवार को कैंपियरगंज क्षेत्र का दौरा किया. दोनों ने बताया कि चांदीपुर गांव के पास एक बांध है, जिसके बगल में कुछ पेड़ों पर टिड्डी दल को देखा गया है.
उन्होंने बताया कि विभाग के कर्मचारी लगातार निगरानी कर रहे हैं. अगर टिड्डियां रात को भी पेड़ों पर बैठी रहीं तो 9:30 बजे के आसपास फायर ब्रिगेड की गाड़ी में रसायन को घोलकर छिड़काव किया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि टिड्डियों का एक दल पटना घाट होते देवरिया की तरफ निकल गया है.ट

टिड्डियों के हमले से खेतों को बचाने के लिए शनिवार को भी जंगल कौड़िया, कैंपियरगंज क्षेत्र के कई गांवों में किसान थाली, ढोल-नगाड़े बजाकर उन्हें भगाने के जतन में जुटे रहे. कुछ गांवों में डीजे बजाने के साथ ही युवकों ने ट्रैक्टर का साइलेंसर खोलकर उसे खेतों के किनारे दौड़ाया.
उधर, बस्ती मंडल में टिड्डियों का दल सरयू पार अंबेडकरनगर की तरफ से शनिवार को साढ़े 10 बजे घुसा. टिड्डी दल दुबौलिया विकासखंड के पायकपुर, डिगरपुर होते हुए बहादुरपुर विकासखंड के गौसपुर की ओर चला गया. टिड्डियों के दल के आने से किसान दहशत में हैं,
Related Stories
कोरोना के बाद राजस्थान में अब टिड्डे की मार, खा गए 37 हज़ार हेक्टेयर फसल
टिड्डियों की तीसरी पीढ़ी होती है सबसे ख़तरनाक, उसी के हमले से जूझ रहा है भारत, इस रसायन से भागेगा