देश के हर नागरिक को कोरोना का टीका लगाने पर सरकार ने क्या कहा...
सरकार ने बताया है कि देश में कोरोना की औसतन 10,55,386 जांचें रोज की गई हैं. और नवंबर में औसतन 43,152 मामले रोज सामने आए.
देश में कोरोना वायरस के नए मामलों में पहले के मुकाबले कमी तो आ रही है. लेकिन अभी भी हजारों की संख्या में नए केस सामने आ रहे हैं. इसके चलते देश की 130 करोड़ से अधिक जनता को कोरोना की वैक्सीन का इंतजार है.
#WATCH "Govt has never spoken about vaccinating the entire country," says Health Secretary Rajesh Bhushan
— ANI (@ANI) December 1, 2020
"If we're able to vaccinate critical mass of people & break virus transmission, then we may not have to vaccinate the entire population," ICMR DG Dr Balram Bhargava added. https://t.co/HKbssjATjH pic.twitter.com/egEB1TAiC9
कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों के अधिकारी के बाद सरकार भी टीके पर गुड न्यूज दे चुकी है. सरकार कई बार कह चुकी है कि सिर्फ कुछ महीनों बाद कोरोना वैक्सीन देश के लोगों के लिए उपलब्ध होगी. वैक्सीन को लेकर सामने आ रहे इन बयानों के बीच लोगों के मन में सवाल है कि आखिर कितने समय में देश की पूरी जनता को वैक्सीन लग जाएगी. इस सवाल का जवाब केंद्र सरकार ने दिया है. स्वास्थ्य सचिव ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने कभी भी सभी लोगों को वैक्सीन लगाने की बात कही ही नहीं है.
कोरोना वायरस को लेकर होने वाली स्वास्थ्य मंत्रालय की डेली ब्रीफिंग के दौरान सचिव राजेश भूषण से पूछा गया कि पूरे देश को वैक्सीन लगाने में कुल कितना समय लगेगा तो उन्होंने बताया, ''मैं एक बात साफ कर देना चाहता हूं कि सरकार ने कभी भी पूरे देश को वैक्सीन लगाने की बात नहीं की. यह महत्वपूर्ण है कि हम लोग वैज्ञानिक मुद्दों पर चर्चा करें जोकि तथ्यात्मक जानकारी के आधार पर हों.''
Vaccination would depend on the efficacy of the vaccine & our purpose is to break the chain of #COVID19 transmission. If we're able to vaccinate critical mass of people & break virus transmission, then we may not have to vaccinate the entire population: ICMR DG Dr Balram Bhargava https://t.co/JF2vzdG7ml pic.twitter.com/OJk5QMuDFE
— ANI (@ANI) December 1, 2020
वहीं, आईसीएमआर के महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव ने बताया कि सरकार का उद्देश्य कोरोना के ट्रांसमिशन को तोड़ना है. भार्गव ने कहा, ''टीकाकरण वैक्सीन के प्रभाव पर निर्भर करेगा और हमारा उद्देश्य कोविड 19 के ट्रांसमिशन को तोड़ना है. अगर हम कुछ लोगों को वैक्सीन लगाने में सफल हो गए और ट्रांसमिशन को तोड़ सके तो हमें देश की पूरी जनता को वैक्सीन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.''
सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई जा रही ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन के विपरीत प्रभाव के हालिया आरोपों पर सरकार ने कहा कि इससे टीके की समय सीमा पर कोई असर नहीं पड़ेगा. सरकार ने कहा कि शुरुआती निष्कर्षों के आधार पर ऑक्सफोर्ड कोविड-19 टीके के परीक्षण को रोकने की आवश्यकता नहीं थी.
सीरम इंस्टीट्यूट ने भी वॉलेंटियर के इन आरोपों को मंगलवार को खारिज कर दिया था. कंपनी ने इस टीके को पूरी तरह सुरक्षित और रोग प्रतिरोधक बताया है. कंपनी ने एक ब्लॉग में लिखा, ''हम हर किसी को इस बात का आश्वासन देना चाहते हैं कि टीके को तब तक आम लोगों के इस्तेमाल के लिए जारी नहीं किया जाएगा जब तक इसके रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह से स्थापित नहीं हो जाती.''
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में रोजाना साढ़े दस लाख कोरोना की जांच की जा रही है. मंत्रालय ने कहा कि औसतन 10,55,386 कोविड-19 जांच रोज की गई है. नवंबर में औसतन 43,152 मामले रोज सामने आए हैं. देश में अब तक 14.13 करोड़ कोविड-19 जांचें की गई हैं. संक्रमित होने की दर 11 नवंबर को 7.15 फीसदी थी, जो एक दिसंबर को 6.69 फीसदी रह गई. वहीं, भारत में बीते सात दिन में प्रति 10 लाख की आबादी पर कोरोना वायरस के 211 मामले और दो मौतें दर्ज की गई हैं.
Related Stories
कोरोना: सरकार ने पहचाने वे 9 हॉटस्पॉट, जहां बेहद तेज़ी से फैल रहा है वायरस, दिल्ली के दो मोहल्ले शामिल
"कोरोना के अंत की शुरूआत" होगी भारत में बनी वैक्सीन, ह्यूमन ट्रायल की मिली अनुमति
नाक से लगाई जाएगी भारत में विकसित हो रही कोरोना वैक्सीन!
बड़ी खबर! 73 दिनों में भारत में आ जाएगी पहली कोरोना वैक्सीन, लगेगा मुफ्त टीका