ऐसे समय जब पूरी दुनिया में कोरोना वायरस अबतक करीब 15 लाख लोगों की जान ले चुका है, वैसे में दवा कंपनी फाइजर की वैक्सीन एक अच्छी खबर है. लेकिन भारत के लिए नहीं.
कोरोना वायरस से अबतक दुनिया में 6 करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और यह खतरनाक वायरस अबतक करीब 15 लाख लोगों की जान ले चुका है. दुनिया में रोज कोरोना वायरस के संक्रमण के लाखों मामले सामने आ रहे हैं. इस बीच राहत वाली खबर ब्रिटेन से आई है. ब्रिटेन ने अपने नागरिकों के लिए कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. ब्रिटेन ने फाइजर/बायोएनटेक कोरोना वायरस वैक्सीन को आम लोगों के इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी है. ब्रिटेन का यह ऐलान भारत के लिए कोई सौगात लेकर नहीं आया है.

भारत में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या एक करोड़ के आंकड़े की तरफ बढ़ रही है. विश्व में कोरोना वायरस के कारण भारत सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है. ऐसे में भारत को कोरोना वैक्सीन की काफी ज्यादा जरूरत है. लेकिन ब्रिटेन की ओर से फाइजर की कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी देना भारत पर किसी भी प्रकार का सकारात्मक असर नहीं डालेगा.
दरअसल, फाइजर की कोरोना वायरस वैक्सीन का रखरखाव काफी अहम है. इस वैक्सीन को लगभग -70C पर संग्रहित किया जाना चाहिए. इस वैक्सीन को एक बार अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचाने के बाद इसे फ्रिज में पांच दिनों तक रखा जा सकता है. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में तापमान अलग है. भारत गर्म देशों की लिस्ट में आता है. ऐसे में भारत के तापमान के हिसाब से ये वैक्सीन भारत के लिए उपयुक्त नहीं है.

विशेषज्ञों का कहना है कि फाइजर की कोरोना वैक्सीन को प्रीजर्व करना काफी मुश्किल है. फाइजर की कोरोना वैक्सीन को माइनस 70 डिग्री तापमान में संग्रह करना होगा. वहीं भारत का तापमान काफी ज्यादा है. ऐसे में भारत में इस वैक्सीन को संग्रह करना काफी मुश्किल होगा. यह वैक्सीन भारत के तापमान के हिसाब से नहीं बनी है. जबकि भारत में जिन वैक्सीन पर काम चल रहा है, वो भारत के तापमान के मुताबिक बनी हैं.
हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने इस बात पर जोर देते हुए कहा था कि भारत को फाइजर की कोविड-19 वैक्सीन की जरूरत ही न पड़े, क्योंकि देश के अंदर जिन वैक्सीन के ट्रायल किए जा रहे हैं उसने अभी तक बेहतर परिणाम दिखाए हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि फाइजर की वैक्सीन के बारे में सोचने का कोई मतलब नहीं बनता है.
Related Stories
कोरोनावायरस से निपटने के लिए तैयार है भारत, राज्यसभा में स्वास्थ्य मंत्री ने दिया ब्यौरा
चीन से धोखा खाने के बाद हर्षवर्धन का ऐलान, हम खुद बना रहे हैं किट, 1 लाख लोगों का होगा रोज़ाना टेस्ट
अब अश्वगंधा से भारत ढूंढ रहा है कोरोना का इलाज, हर्षवर्धन ने कहा- शुरू होगा ट्रायल
बड़ी खबर! कोरोना वैक्सीन तैयार होने में लगेंगे बस छह महीने, जानें कब से शुरू होगा टीकाकरण