क्या बीजेपी को बंगाल में वोट दिलवा पाएंगे 'लव जिहाद' को लेकर बने कानून
इस समय देश में बीजेपी शासित राज्यों में कथित 'लव जिहाद' को लेकर कानून बनाने की होड़ लगी हुई है. इसी क्रम में यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार एक अध्यादेश लेकर आई है.आइये जानते हैं क्या है इसकी राजनीति.
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंगलवार को एक अध्यादेश पारित किया. इसका नाम है, उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 है. योगी सरकार ने देशभर में 'लव जिहाद' पर जारी बहस के बीच धर्म परिवर्तन से जुड़े इस अध्यादेश को पारित किया है. हालांकि अध्यादेश में लव जिहाद का जिक्र नहीं है.

अध्यादेश मुख्य रूप से धर्म परिवर्तन से जुड़ा है. अगर कोई किसी भी व्यक्ति का जबरन या लालच देकर धर्म परिवर्तन कराता है तो सजा दी जाएगी. अगर सिर्फ शादी के लिए धर्म परिवर्तन कराया जाएगा तो शादी को वैध नहीं माना जाएगा.
बीजेपी के राजनीतिक मुद्दे
तथाकथित 'लव जिहाद' के मुद्दे पर लाए गए अध्यादेश लाने के सवाल पर लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार अंबरीश कुमार कहते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के साथ ही बीजेपी का सबसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा निपट गया है. अब वह हिंदुत्व के ताने-बाने को बरकरार रखना चाहती है और हिंदुओं को जोड़े रखना चाहती है, इसलिए वो इस तरह के मुद्दे को हवा दे रही है.
वो कहते हैं कि यह बात अब साफ हो गई है कि मंदिर के नाम पर बीजेपी को वोट नहीं मिलना है. यही हाल धारा-370 के मुद्दे का है. वो भी अब खत्म हो चुका है. वो कहते हैं कि हिंदू-मुसलमान एक ऐसा कॉर्ड है, जिससे हिंदू मानस हमेशा प्रभावित रहता है.

अंबरीश कुमार अगले साल होने वाले पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव की ओर इशारा करते हैं. वो कहते हैं कि बीजेपी के सामने अगली चुनौती बंगाल चुनाव की है. ऐसे में उसे इसी तरह के मुद्दे की तलाश थी. क्योंकि वहां मुसलमानों की करीब 30 फीसदी की आबादी है. बीजेपी वहां हिंदू-मुसलमान की गोलबंदी के लिए 'लव जिहाद' जैसा ही मुद्दा चाहिए था. इसलिए वो इस मुद्दे को देशभर में हवा दे रही है.
जांच में 14 में से 11 मामलों में कुछ न कुछ अपराध पाया गया और 11 लोगों को जेल भेजा गया। 3 मामले ऐसे पाए गए जिसमें लड़की बालिग थी और उन्होंने दूसरे धर्म के लोगों से अपनी मर्जी से प्रेम करना बताया : मोहित अग्रवाल, IG कानपुर रेंज #उत्तरप्रदेश (2/2) https://t.co/4P6Rv6eTvk
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 23, 2020
अंबरीश कुमार कहते हैं कि 'लव जिहाद' एक राजनीतिक मामला है. बीजेपी को अब हर चुनाव किसी नए मुद्दे की तलाश करनी पड़ेगी, चाहे वह लव जिहाद का मुद्दा हो या कॉमन सिविल कोड का मुद्दा.
आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार
वो कहते हैं कि नरेंद्र मोदी सरकार आर्थिक मोर्चे पर बुरी तरह से विफल है. उसके लिए जनता का ध्यान इस बात से भटकाने का सबसे बेहतरीन हथियार हिंदू-मुस्लिम मुद्दा ही है.

प्रेम में सरकार का दखल
'लव जिहाद' के सवाल पर गोरखपुर के वरिष्ठ पत्रकार जगदीश लाल कहते हैं, ''प्यार कोई बुरी चीज नहीं है. यह हमेशा से होता रहा है. लेकिन आज सरकार इसे गुनाह घोषित कर रही है. इस पर पहले सामाजिक बंदिशें थीं. लेकिन सरकार की ओर से कभी भी इस पर कोई बंदिश नहीं लगाई गई.''
जगदीश लाल कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति कोई धर्म स्वीकार करता है तो इसमें सरकार या किसी और व्यक्ति को क्या दिक्कत हो सकती है.

कैसा है अध्यादेश
योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से पारित अध्यादेश में नाबालिग और अनुसूचित जाति/जनजाति (एससी-एसटी) की लड़कियों और महिलाओं का धर्म परिवर्तन कराने पर कठोर दंड और अधिक आर्थिक जुर्माने का प्रावधान है.
The ordinance provides for jail term of 1-5 years with Rs 15,000 penalty for forceful religious conversion. For conversions of minors & women of SC/ST community, there will be jail term of 3-10 years with Rs 25,000 penalty: State Cabinet Minister Siddharth Nath Singh https://t.co/D6uTXIAHic
— ANI UP (@ANINewsUP) November 24, 2020
अध्यादेश कहता है कि अगर कोई व्यक्ति यह कहता है कि उसे जबरन या लालच देकर या शादी की वजह से धर्म परिवर्तन नहीं कराया गया है, तो धर्म परिवर्तन कराने वाले व्यक्ति और धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को सबूत पेश करना होंगा. यानी स्वेच्छा से किए गए धर्म परिवर्तन में भी साबित करना पड़ेगा कि उसमें स्वेच्छा थी.