पहली के फ्लाप होने के बाद एक और फिल्म सिटी बनाने की कवायद, फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों से मिले योगी आदित्यनाथ
नोएडा, ग्रेटर नोएडा या यमुना एक्सप्रेस वे में फिल्म सिटी बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों के साथ एक बैठक कर उनसे सुझाव मांगे.
राष्ट्रीय राजधानी से दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे में फिल्म सिटी बनाने की कवायद शुरू हो गई है. इसकी पहल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की है.

फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक बैठक सोमवार को लखनऊ में हुई. बैठक में सुपर स्टार रजनीकांत की बेटी सौन्दर्या रजनीकांत, निर्माता निर्देशक मधुर भंडारकर, निर्माता-निर्देशक प्रियदर्शन, रवीना टंडन, सुभाष घई, परेश रावल, गायक अनूप जलोटा, उदित नारायण, कैलाश खेर, लेखक विजयेंद्र प्रसाद, गीतकार मनोज मुन्तस्सिर आदि शामिल हुए.
फिल्म उद्योग से जुड़े विनोद बच्चन, दीपक दल्वी, नितिन देसाई, ओम राउत, शैलेश सिंह, पदम कुमार भी मीटिंग में शामिल हुए. अनुपम खेर समेत कुछ और लोग वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस बैठक में शामिल हुईं. इन लोगों ने फिल्म सिटी बनाने के लिए योगी सरकार को सुझाव दिए.
उत्तर प्रदेश में फिल्म उद्योग
इस बीच नोएडा, यमुना एक्सप्रेस-वे व अथारिटी व ग्रेटर नोएडा ने अपने-अपने यहां फिल्म सिटी बनाने के लिए जमीन संबंधी ब्योरा और प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेज दिया है. मुख्यमंत्री सबसे राय लेकर तय करेंगे कि कहां पर फिल्म सिटी बनाना उपयुक्त होगा.
योगी आदित्यनाथ के फिल्म सिटी बनाने के ऐलान के बाद गौतमबुद्ध नगर जिले में एक और फिल्म सिटी बसाने की योजना तैयार की जा रही है. यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण ने रविवार को दिल्ली-आगरा एक्सप्रेस-वे पर यमुना सिटी के सेक्टर 21 में एक हजार एकड़ जमीन पर फिल्म सिटी बनाने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया.
इससे पहले उत्तर प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने नोएडा के सेक्टर 16 A में एक फिल्म सिटी बनाया था. यह फिल्म सिटी करीब 100 एकड़ में है.

उस समय के बड़ी फिल्म कंपनियों को यहां रियायती दर पर जमीन दी गई थी. यहां से कितनी फिल्मी गतिविधियां संचालित हुईं, इसका जवाब तो 'नोएडा' के पास ही होगा. लेकिन रियायती दर पर मिली जमीन को फिल्म कंपनियां टीवी चैनलों, मीडिया घरानों और कॉरपोरेट को बेच कर चली गईं. हालत यह है कि आज देश का हिंदी-अंग्रेजी टीवी न्यूज का अधिकांश हिस्सा इसी फिल्म सिटी से संचालित होता है. हां यह जरूर है कि उस इलाके को अभी भी फिल्म सिटी ही कहा जाता है.
योगी आदित्यनाथ की सरकार मार्च 2017 में सत्ता में आई. इस सरकार ने 2018 में यूपी फिल्म पॉलिसी 2018 घोषित की. इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार औद्योगिक दर पर जमीन उपलब्ध कराकर फिल्म सिटी की स्थापना को सहयोग करेगी. सरकार इसके लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर भी उपलब्ध कराएगी. इसमें यह भी कहा गया है कि इसके लिए पुलिस की एक विशेष यूनिट की स्थापना की जाएगी. यह भी कहा गया है कि फायर स्टेशन, सड़कों और अन्य भौतिक संसाधनों का इंतजाम भी प्रदेश सरकार ही करेगी.
यूपी फिल्म पॉलिसी 2018 को लागू करने के फिल्म बंधु को नोडल एजेंसी बनाया गया है.
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